Try Again๐ค
आज हारे हैं हम फ़िर से
मग़र टूटे नहीं हैं।
लगने लगी मंज़िल दूर
फ़िर भी रास्ते छूटे नहीं हैं।
हो हार चाहे जितनी भी
मंज़िल की राह में।
कोशिशें करते रहेंगें हम भी
नये विश्वास से।
है भरोसा हमको ख़ुद पर
हौसला ये मन में है।
बारम्बार गिरकर उठ चलेंगे
फ़िर से राह पर बढ़ेंगे।
अपनी लगन से ही हाँ हम
पूरे करेंगे सब स्वप्न।
जो तेरे-मेरे साझे में रहते
इन दो नयन में हैं।
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© Śमृति #Mukht_iiha
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